Introduction-परिचय
Fighter Jet, या लड़ाकू जेट, एक प्रकार का वायु संयंत्र है जो संघर्ष क्षेत्रों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन जेट्स को अक्सर सैन्य उद्देश्यों के लिए बनाया जाता है और इनमें उच्च गति, शक्तिशाली हमले की क्षमता, और उच्च नियंत्रण क्षमता शामिल होती है। इन जेट्स को विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि हवाई युद्ध, विमान लड़ाकू, और वायु रक्षा। लड़ाकू जेट्स की विशेषताएँ उनके उच्च स्पीड, शक्तिशाली हमले, और उत्कृष्ट नियंत्रण क्षमता में होती हैं, जो उन्हें अन्य विमानों से अलग बनाती हैं।
Features of Fighter Jets-लड़ाकू जेट की विशेषताएँ
- उच्च गति: Fighter Jet अत्यधिक गति प्राप्त करने में सक्षम होते हैं, जिससे उन्हें तेजी से लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता मिलती है।
- शक्तिशाली हमले की क्षमता: इन जेट्स में उच्च गुणवत्ता के हमले करने की क्षमता होती है, जो विमानों, संरक्षित क्षेत्रों, और अन्य लक्ष्यों को निष्क्रिय करने में सक्षम होती है।
- उच्च नियंत्रण क्षमता: ये जेट उत्कृष्ट नियंत्रण क्षमता रखते हैं, जो उन्हें विभिन्न युद्ध क्षेत्रों में विमानों को संभालने और नियंत्रित करने में मदद करती है।
- पायलट की सुरक्षा: लड़ाकू जेट में पायलट को सुरक्षित रखने के लिए विशेष तकनीकी और सुरक्षा व्यवस्थाएं होती हैं।
- विस्तृत अवकाश और शक्तिशाली संरचना: इन जेट्स में आकाश में अधिक समय तक उड़ान करने की क्षमता होती है और उनकी डिज़ाइन शक्तिशाली संरचना सहित होती है।
- उन्नत संदेश साधन: ये जेट्स आधुनिक संदेश और संवहनीयता साधनों को सहित किए जाते हैं, जो उन्हें संघर्ष क्षेत्रों में संपर्क के लिए अधिक उपयुक्त बनाता है।
Types of Fighter Jets-लड़ाकू जेटों के प्रकार
लड़ाकू जेटों के कई प्रकार होते हैं(Types of Fighter jets), जो विभिन्न क्षेत्रों और कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लड़ाकू जेटों के प्रकार हैं:
- संवैधानिक लड़ाकू जेट: ये जेट विभिन्न वायुसेनाओं द्वारा उपयोग किए जाते हैं और आमतौर पर वायु संघर्ष और संघर्ष क्षेत्रों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
- मल्टी-रोल लड़ाकू जेट: ये जेट विभिन्न कार्यों को संपादित करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं, जैसे कि वायु संघर्ष, बमबारी, और विमान लड़ाकू।
- स्टेल्थ लड़ाकू जेट: ये जेट अद्वितीय स्टेल्थ तकनीक का उपयोग करते हैं जिससे उन्हें रडार और संवेदनशीलता से अधिक सुरक्षा मिलती है।
- अनुवांशिक लड़ाकू जेट: ये जेट अनुवांशिक युद्धन कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं, जैसे कि विमान लड़ाकू, विमान भंडारण, और अन्य उद्देश्यों के लिए।
- नाभिकीय लड़ाकू जेट: ये जेट नाभिकीय युद्धन कार्यों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए होते हैं, जैसे कि वायु संभावना, उत्तेजना नाभिकीय युद्धन, और अन्य नाभिकीय कार्यों के लिए।
ये कुछ मुख्य लड़ाकू जेटों के प्रकार हैं, जो अनेक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं और विभिन्न देशों की वायु सेनाओं द्वारा आधुनिक युद्ध कार्यों में प्रयोग किए जाते हैं।
Development of Fighter Jets-लड़ाकू जेट का विकास
लड़ाकू जेट(Fighter Jet) का विकास उस समय से शुरू हुआ था जब लड़ाकू क्षेत्रों में उपयोग होने वाले विमानों की आवश्यकता थी। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ उस विकास के संबंध में हैं:
- पहले पीलेट-पावर्ड लड़ाकू जेट: पहले लड़ाकू जेट नौसेना क्षेत्रों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए थे, जैसे कि डगलस SBD डैकर, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अभियानों में उपयोग किए गए थे।
- पहली सुपरसोनिक लड़ाकू जेट: 1950 के दशक में सुपरसोनिक लड़ाकू जेटों का विकास हुआ, जैसे कि अमेरिकी F-100 सुपर सेबर, रूसी MiG-21, और ब्रिटिश हंटर।
- गति में वृद्धि: 1960 के दशक में, जेट जादा गति प्राप्त करने और आकार में संशोधन करने के साथ और अधिक सुरक्षित और उत्कृष्ट तकनीकों के साथ विकसित होते गए।
- तकनीकी उन्नति: उच्चतम गुणवत्ता के जेट जैसे कि F-15, F-16, और फिल एक्स्फ़, नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके बनाए गए हैं जो उनके नियंत्रण, उच्चतम स्थायित्व और शक्तिशाली हमलों को और अधिक बेहतर बनाते हैं।
- स्टेल्थ तकनीक: आधुनिक युद्ध के बदलते माहौल को ध्यान में रखते हुए, लड़ाकू जेटों में स्टेल्थ तकनीक का उपयोग किया गया है जो उन्हें रडार पर पहचान से बचाता है।
लड़ाकू जेटों का विकास निरंतर रहा है और नए तकनीकी उन्नतियों का उपयोग करते हुए वे आगे बढ़ रहे हैं।
India will now produce fighters of the 5th generation-अब पाँचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनाएगा भारत
5th जनरेशन के Fighter Jet बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को CSS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी) ने AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के प्लान को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट के मुताबिक ये फाइटर जेट पांचवीं जनरेशन के होंगे। दरअसल, टाइम के हिसाब से तकनीक बदलती है और उसी के हिसाब से उसे अलग-अलग जनरेशन का एयरक्राफ्ट कहा जाता है। 2000 के शुरू में जो एयरक्राफ्ट बने वह पांचवीं जनरेशन के एयरक्राफ्ट कहे गए। अभी इंडियन एयरफोर्स के पास 4th और 4.5th जनरेशन के एयरक्राफ्ट हैं। पांचवीं पीढ़ी का यह विमान एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के तहत बनेगा। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं।
इस Fighter Jet का नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft AMCA), इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 तक सामने आ जाएगा. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक 414 (GE-414) के दो इंजन लगे होंगे. AMCAआने से चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की श्रेणी में भारत भी शामिल हो जाएगा, एएमसीए के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. AMCA अमेरिकी F-35 और रूस के Su-57 को कड़ी टक्कर देगा. देश में अभी फ्रांस से मंगाए गए 4.5th पीढ़ी के राफेल फाइटर जेट हैं. यह वायुसेना जहाज अमेरिका के सबसे खतरनाक फाइटर जेट F-35 को स्पीड में मात देगा , इसकी अधिकतम गति 2633 km/hr होगी | जबकि F – 35 की गति 2000 km / hr ही है |
अमेरिकी फाइटर जेट F-35 से ज्यादा रेंज
AMCA की रेंज अमेरिकी F-35 से भी अधिक होगी। भारतीय Fighter Jet की रेंज 3240 किलोमीटर होगी, जबकि अमेरिकी Fighter Jet रेंज 2800 किमी है। कॉम्बैट रेंज 1620 किलोमीटर होगी, जबकि F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है। भारतीय लड़ाकू विमान 57.9 फीट लंबा होगा, जबकि F-35 छोटा है, केवल 51.4 फीट का है।
एएमसीए का विंगस्पैन 36.6 फीट होगा, जबकि F-35 का 35 फिट ही होगा। AMCA की ऊचाई 14.9 फीट होगी, जबकि F-35 की 14.4 फीट होगी। AMCA में केवल एक पहलू में F-35 से पिछड़ रहा है, वह है ईंधन की क्षमता। भारतीय विमान में 6500 किलोग्राम ईंधन होगा, जबकि अमेरिकी फाइटर में 8275 किलोग्राम होता है।
आधुनिक डिस्प्ले और कमांड कंट्रोल होंगे। भारतीय फाइटर जेट अधिकतम 65,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा। ये फाइटर जेट भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स इस फाइटर जेट के सात स्क्वॉड्रन बनाने की योजना बना रही है। पहले वर्जन के बाद एएमसीए मार्क-2 में और ताकतवर ज्वाइंट वेंचर इंजन लगाने की योजना है।
इसका कॉकपिट मैन-मशीन इंटरैक्शन पर आधारित होगा। पैनारोमिक टचस्क्रीन डिस्प्ले, मल्टी फंक्शन डिस्प्ले और हेड्स-अप डिस्प्ले की व्यवस्था होगी। एएमसीए में हैंड्स ऑन थ्रॉटल एंड स्टिक (HOTAS) अरेंजमेंट होगा, हथियारों का पूरा जखीरा
एएमसीए में 14 हार्डप्वाइंट्स होंगे, जिसमें 23 मिलीमीटर की GSh-23 कैनन भी शामिल होगी। इसके अतिरिक्त, S8 रॉकेट पॉड्स, अस्त्र मार्क-1, 2, 3, हवा में मार करने वाली NG-CCM मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी (BrahMos-NG), और हवा से जमीन पर मार करने वाली रुद्रम मिसाइल भी लगाई जाएगी।
एफ-35 फाइटर जेट में एक 25 मिलीमीटर का कैनन है, और 4 हार्डप्वाइंट्स हैं। यहां 6 एक्सटर्नल हार्ड प्वाइंट्स भी हैं, जिनमें AIM 120, 9X, 132, और हवा से हवा में मार करने वाली MBDA मीटियोर मिसाइलें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह AIM-120, AGM-88G, AGM-158, Spear 3 और आधुनिक हवा से सतह और हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलों को भी तैनात कर सकता है।