भारत ने रविवार को (10 मार्च) यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के चार देशों के साथ 100 बिलियन डॉलर एक महत्वपूर्ण फ्री ट्रेड समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के माध्यम से, भारत की IT, ऑडियो-विजुअल, और कुशल पेशेवरों के मूवमेंट जैसे महत्वपूर्ण डोमेस्टिक सेवा क्षेत्रों में निवेश और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, और स्विट्जरलैंड EFTA के सदस्य देश हैं। इसे India EFTA Trade के नाम से जाना जाता है।
इस डील में क्या है
India EFTA Trade समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं, और व्यापार सुविधाएं शामिल हैं।
EFT के सदस्यों की ओर से संघीय काउंसलर गाई पार्मेलिन ने कहा, “ईएफटीए देशों को वृद्धि के एक प्रमुख बाजार तक पहुंच मिली है। हमारी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक जुझारू बनाते हुए उनमें विविधता लाने का प्रयास करेंगी। इसके फलस्वरूप, भारत को ईएफटीए से अधिक विदेशी निवेश मिलेगा। इससे अंततः अच्छी नौकरियों में वृद्धि होगी। साथ ही, इस समझौते से हमें अपनी आर्थिक क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने और भारत और ईएफटीए दोनों के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
एग्रीमेंट के बाद स्विस वॉच और चॉकलेट्स भारतीयों के लिए हो जाएंगी सस्ती
इस समझौते के तहत टैरिफ को कम करने की डील हुई है। जिसके कारण अब भारतीयों को वर्ल्ड क्लास स्विस वॉच और चॉकलेट्स के लिए कम भुगतान करना होगा। इस समझौते के तहत, भारत चॉकलेट और घड़ियों के साथ-साथ स्विट्जरलैंड से आने वाली पॉकेट घड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को कम करेगा। वर्तमान में भारत चॉकलेट और प्रोडक्ट्स पर 30% और स्विट्जरलैंड से आने वाली ज्यादातर घड़ियों पर 20% की इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है।
(2022-23) में भारत और चार ईएफटीए(EFTA) देशों के बीच टोटल ट्रेड 18.66 बिलियन डॉलर का रहा,जिसमे सबसे बड़ी भागेदारी स्विटज़रलैंड की थी उसके बाद नॉर्वे का स्थान रहा। EFTA देशों को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट्स में ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक केमिकल, ड्रग्स, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और ज्वेलरी शामिल हैं। इसके अलावा, इन देशों से सोना, फार्मास्यूटिकल्स, घड़िया और शिप और बोट्स इत्यादि इंपोर्ट किए जाते हैं।
स्विट्जरलैंड की मंत्री ने समझौते की सराहना की-
स्विट्जरलैंड की मंत्री हेलेन बुडलिगर अर्टीडा ने भारत और ईएफटी के बीच 100 अरब डॉलर के मुक्त व्यापार समझौते की सराहना की और कहा कि भारत दुनिया का विनिर्माण HUB होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत से गुणवत्ता वाले सामान स्विट्जरलैंड में एक बहुत खुला बाजार हासिल करेंगे और इससे व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते से भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए खुशी का क्षण है। हम 16 साल से ज्यादा समय से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि हम पिछले 8 महीनों के दौरान इसे आगे बढ़ाने में कामयाव रहे। भारतीय बाजार के आकार के कारण यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है।केवल हम भारत के बाजार के आकार पर दांव नहीं लगा रहे है बल्कि हमें भारत की सफलता पर पूरा विश्वास है।
भारत का सबसे बड़ा EFTA ट्रेडिंग पार्टनर स्विटजरलैंड है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुमान के मुताबिक, द्विपक्षीय व्यापार में स्विटजरलैंड की हिस्सेदारी 91% है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा EFTA ट्रेडिंग पार्टनर बनाता है। एग्रीमेंट के हिस्से के रूप में जब भी समझौता लागू होगा, भारत स्विटजरलैंड से आने वाली अधिकांश मशीनरी वस्तुओं और मेडिकल डिवाइस पर शुल्क को एक बार में हटा देगा।
इन्वेस्टमेंट से भारत में 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगी
इन्वेस्टमेंट से भारत में 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगी। इंडिया टुडे ने बताया कि भारत ने एग्रीमेंट के इंप्लिमेंटेशन के बाद पहले 10 सालों में 50 बिलियन डॉलर (4.13 लाख करोड़ रुपए) के इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट की मांग की है। इसके अलावा ब्लॉक मेंबर्स से अगले पांच सालों में 50 बिलियन डॉलर के एडिशनल इन्वेस्टमेंट का कमिटमेंट भी मांगा है। इन इन्वेस्टमेंट से भारत में 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगी।
सोने पर कोई रियायत नहीं-
समझौता लागू होने के बाद 5 साल में कटे एवं पॉलिश हीरों पर शुल्क पांच फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी रह जाएगा। जबकि भारत ने सोने पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है। दस्तावेज पर इसने 40 फीसदी की निर्धारित दर पर एक फीसदी की रियायत की पेशकश की है, लेकिन प्रभावी शुल्क 15 फीसदी पर बना हुआ है।
कई उत्पादों पर से हटेंगे शुल्क-
कई उत्पादों पर से हटेंगे शुल्क: ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा, व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) के तहत भारत ने सात से 10 वर्षों में कई स्विस उत्पादों पर से शुल्क हटाने का फैसला किया है। इससे भारतीय ग्राहकों को कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद मिल सकेंगे। “जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा”, ट्यूना व सैल्मन जैसे समुद्री भोजन, कॉफी कैप्सूल, कॉड लिवर व जैतून तेल, स्मार्टफोन, साइकिल के पुर्जे, चिकित्सा उपकरण, दवाएं और मशीनरी उपकरण भी भारत में सस्ते हो सकते हैं।
शराब पर मिलेगी छूट-
शराब पर मिलेगी छूट: जीटीआरआई के मुताबिक, शराब पर शुल्क में छूट ऑस्ट्रेलिया को दी गई रियायत के समान है। हालांकि, पांच डॉलर से कम कीमत वाली शराब पर कोई रियायत नहीं है। पांच से 15 डॉलर के बीच कीमत वाली शराब पर पहले साल में शुल्क 150 फीसदी से घटकर 100 फीसदी रह जाएगी। फिर, 10 वर्षों में धीरे-धीरे यह घटकर 50 फीसदी रह जाएगी।