2024-25 वित्त वर्ष के पहले माह, अप्रैल में GST Collection अपने सभी पूर्वरूपों को तोड़ते हुए दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। अप्रैल में जीएसटी का संग्रह 2.10 लाख करोड़ था, जो पिछले वर्ष के अप्रैल महीने के मुकाबले में 12.4 प्रतिशत अधिक है।
GST Collection in UP
up ने अप्रैल माह में GST Collection में 19% की वृद्धि के साथ Tamilnadu को पीछे छोड़ दिया है। up 12,290 करोड़ के GST Collection के साथ चौथे, तमिलनाडु 12,210 करोड़ के साथ 5वें स्थान पर है। महाराष्ट्र सबसे आगे है।
Types of GST
Highest GST Collection
सरकार ने अप्रैल 2024 में Highest GST Collection रिकॉर्ड 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। ये अब तक का किसी भी महीने जुटाया गया GST कलेक्शन है।
सालाना आधार पर ग्रॉस GST कलेक्शन में 12.4% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछले महीने, यानी मार्च 2024 में, GST कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रुपए रहा था। यानी, महीने-दर-महीने आधार पर कलेक्शन में 18% का इजाफा है। वहीं सरकार ने 18 हजार करोड़ के रिफंड जारी किए।
Why is matters?
रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह हासिल करना सिर्फ एक वित्तीय मील का पत्थर नहीं है; यह भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य और मजबूती का प्रतीक है।
यह कर अधिकारियों द्वारा प्रभावी प्रवर्तन और अनुपालन रणनीतियों को भी इंगित करता है, जिसने घरेलू लेनदेन और आयात दोनों को सफलतापूर्वक बढ़ाया है।
बढ़े हुए संग्रह ने जीएसटी सुधारों की अगली लहर की उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं, जिन्हें जीएसटी 2.0 के तहत आगे बढ़ाने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय इस वृद्धि का श्रेय घरेलू लेनदेन में 13.4% की वृद्धि और आयात में 8.3% की वृद्धि को देता है। जीएसटी संग्रह में यह महत्वपूर्ण वृद्धि एक मजबूत आर्थिक अंतर्धारा का संकेत देती है जो सरकार के व्यापक सुधार एजेंडे का समर्थन कर सकती है।
What’s next?
जैसा कि सरकार अगले बजट सत्र की तैयारी कर रही है, रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह राजकोषीय नीतियों को आकार देने में केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।
अधिक व्यापक कर सुधारों को शुरू करने की संभावना, जिसमें जीएसटी दरों में समायोजन और कर योग्य आधार का विस्तार शामिल हो सकता है, अधिक व्यवहार्य प्रतीत होती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी सुधारों का अगला दौर सरकार को दरों को तर्कसंगत बनाने या एटीएफ और प्राकृतिक गैस जैसे अन्य उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने जैसे साहसिक निर्णय लेने में सक्षम कर सकता है। स्थिर राजस्व प्रवाह के साथ, सरकार आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और कर संग्रह और प्रशासन की दक्षता को और बढ़ाने के उद्देश्य से साहसिक पहल की संभावना तलाश सकती है।
यह भारत में व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए समान रूप से निहितार्थ के साथ एक प्रगतिशील राजकोषीय नीति वातावरण के लिए मंच तैयार करता है।
GST Collection as per Finance Ministry
वित्त मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल में ₹2,10,267 करोड़ के जीएसटी संग्रह में सीजीएसटी 43,846 करोड़ रुपए और एसजीएसटी 53,538 करोड़ रुपए रहा। जीएसटी का कुल संग्रह 99,623 करोड़ रुपए था (जिसमें माल के आयात पर कलेक्ट किए गए 37,826 करोड़ रुपए शामिल हैं) और सेस 13,260 करोड़ रुपए रहा। सेस में माल के आयात से मिले 1008 करोड़ रुपए शामिल हैं। GST Collection इकोनॉमी की ओवरऑल हेल्थ का एक संकेतक है। अप्रैल महीने के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों पर KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।
बिजली की खपत अप्रैल में करीब 11% से बढ़कर 144 अरब यूनिट तक पहुंच गई। इस अप्रैल में खपत 130.08 अरब यूनिट थी। एक दिन में बिजली की अधिकतम मांग भी बढ़कर अप्रैल में 224.18 गीगावॉट पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 215.88 गीगावॉट से अधिक है।
बिजली मंत्रालय ने गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग करीब 260 गीगावॉट के लगभग रहने का अनुमान लगाया है। विशेषज्ञों ने बताया कि बिजली की खपत और मांग में वृद्धि मुख्य रूप से तापमान बढ़ने के साथ इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के कारण हुई है।