कैंसर कारक है MDH और EVEREST मसाला, “जानिए MDH और EVEREST मसाला की कहानी: क्यों लगा इन प्रमुख मसाला ब्रांड्स पर बैन का आरोप?”2024

MDH और EVEREST मसाला

MDH और EVEREST मसाला का मार्केट शेयर

क्या है MDH

MDH और EVEREST मसाला

Company type

Industry

Founded

Founder

Headquarter

Product

Private

Food, spices

1919; 105 Years ago, Sialkot

Mahashay Chunnilal Gulati

New Delhi, India

Garam masala, Chana masala, Meat masala

क्या है EVEREST

क्या है EVEREST

एवरेस्ट भारत का नंबर 1 मसाला ब्रांड है। जो साबुत मसालों और मिश्रणों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है। 52 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, एवरेस्ट प्रत्येक पैक में शुद्धता, ताजगी और प्रामाणिकता के सर्वोत्तम मानकों को बनाए रखता है। एवरेस्ट की शुद्धता का महान स्वाद अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित है।

MDH और EVEREST मसाला की सफलता के कारण इसे कई पुरस्कार भी मिले हैं। इसे 8 बार 2003, 2006, 2009, 2012, 2015, 2017, 2019 और 2021 में सुपर ब्रांड का दर्जा प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है; इसने 2004 और 2005 दोनों में दो बार भारती विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च और डीएनए द्वारा स्थापित उपभोक्ता प्रतिक्रिया पुरस्कार भी जीता है।

क्या है MDH और EVEREST मसाला पर हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का बयान

हॉन्गकॉन्ग के FOOD SAFETY पार्टमेंट ने कहा कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा की अधिकता पाई गई। इसके आलावा रूटीन सर्विलांस प्रोग्राम के तहत MDH और EVEREST मसाला के फिश करी मसाला में भी यह पेस्टिसाइड मिला है।

क्या है एथिलीन ऑक्साइड

क्या है एथिलीन ऑक्साइड
क्या है एथिलीन ऑक्साइड

एथिलीन ऑक्साइड एक रंगहीन और ज्वलनशील गैस है। इसका आमतौर पर कृषि, स्वास्थ्य सेवा, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कीटनाशक, स्टरलेंट की फ्युमीगेंशन (धुआं या गैस से मरम्मत) में उपयोग होता है। यह MDH और EVEREST मसाला और अन्य सूखे खाद्य पदार्थों में माइक्रोबियल प्रदूषण को खत्म करने और कीटों को नियंत्रित करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। खाद्य पदार्थों को बैक्टीरिया, कवक और कीटों से सुरक्षित रखने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

हालांकि, कई स्वास्थ्य संगठनों ने इसे कार्सिनोजेन (कैंसर का कारक) के रूप में श्रेणीबद्ध किया है, क्योंकि यह कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

इस खतरे को देखते हुए कई देशों के खाद्य नियामकों ने खाद्य पदार्थों में इसके उपयोग पर सख्त नियम बनाए हैं। इन देशों में, एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा को निर्धारित करने के लिए कठोर कानून हैं।

मसालों पर अमेरिका ने भी उठाया सवाल

2023 में अमेरिकी फूड एंड ड्रग्स अथॉरिटी ने एवरेस्ट के सांभर मसाला और गर्म मसाला को बाज़ार से वापस लेने का निर्देश दिया था ये मसाले साल्मोनेला पॉलीटिव पाए गए थे. इस बैक्टीरिया से सावरिया, पेट में दर्द, बुखार, चक्कर या उल्टी हो सकती है

सेल्स को रोकने और प्रोडक्ट्स को हटाने के निर्देश

विभाग ने अपने बयान में कहा है कि सीएफएस ने वेंडर्स को अनियमितताओं की सूचना दी और MDH और EVEREST मसाला की बिक्री रोकने और इन उत्पादों को हटाने के निर्देश दिए हैं। सीएफएस के निर्देशों के अनुसार, वितरक और आयातक ने प्रभावित उत्पादों को वापस मांगने की प्रक्रिया शुरू की है। हांगकांग और सिंगापुर में एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसालों पर प्रतिबंध के बाद, अब भारत सरकार ने फ़ूड कमिश्नरों से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल कलेक्ट करने का निर्देश दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बारे में सूचना दी गई है।

20 दिन में जारी होगी लैब रिपोर्ट

इस मामले को देखते हुए देश के सभी फूड कमिश्नर्स को अलर्ट कर दिया गया है और कड़ी कार्रवाही के निर्देश भी दिए गए हैं। MDH और EVEREST मसालों के सैंपल को इकठ्ठा करने की प्रक्रिया भी चालू कर दी गयी है। लगभग 3 से 4 दिनों में MDH और EVEREST मसाला सहित देश की सभी कंपनियों की मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से सैंपल्स इकठ्ठे कर लिए जाएंगे, और इन सैंपलों की लैब रिपोर्ट लगभग 20 दिनों में आएगी।

कम्पनी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाही

भारत में FOOD आइटम्स में एथिलीन ऑक्साइड के प्रयोग पर पाबन्दी है। दवा किया गया है कि भारतीय मसालों में हानिकारक तत्व पाए जाने पर कम्पनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तहत स्पाइस बोर्ड से अपील की है कि वह जागरूकता फैलाए कि उत्पादों में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिलाया जाना चाहिए।

पहले से अब ज्यादा सैंपल कलेक्ट करेंगे

हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर की घटनाओं से पहले भी सैंपलों की टेस्टिंग की जा रही थी। बताया गया है कि अब तक भारतीय बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के मसालों में कोई हानिकारक तत्व नहीं पाए गए हैं। यह सैंपल लेने की एक सतत प्रक्रिया है। इस बार हम पहले जो भी सैंपल ले रहे थे, उससे कहीं अधिक तेजी और अधिक संख्या में सैंपल लेंगे।

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